सतगुरु देव ब्रह्मलीन महंत किशनपुरी महाराज के पावन वचन सदैव हमारे संस्कारों में बने रहेंगे....साध्वी पुष्पा पुरी महाराज
हरिद्वार 26 नवंबर को बसंत गली स्थित मनसा आश्रम में परम पूज्य गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत स्वामी किशनपुरी महाराज की पावन स्मृति में संत भंडारे का आयोजन किया गया इस अवसर पर बोलते हुए महंत कमलेशानन्द महाराज ने कहा तुझ में राम मुझ में राम इसमें राम उसमें राम इस धरती के कण-कण में समाये हैं राम सबको अपना मान ले बंदे क्योंकि सब में बसे हैं राम भगवान राम इस धरती के कण-कण में विद्यमान है यहां सभी अपने हैं कोई पराया नहीं क्योंकि जो तुम में है वही मेरे अंदर है तो किस बात का भेद महंत सूरज दास महाराज ने कहा संत महापुरुषों की संगत मनुष्य के भाग्य का उदय कर देती है और उसका लोक और परलोक दोनों सुधार देती है इस अवसर पर बोलते हुए मनसा आश्रम संस्थापक साध्वी माता पुष्पा पुरी महाराज ने कहा परम पूज्य वंदनीय गुरुदेव महंत किशन पुरी जी महाराज ज्ञान एवं त्याग की एक अखंड मूर्ति थे वे अपने दिए गये ज्ञान के माध्यम से सदैव हमारे विचारों और संस्कारों में बने रहेंगे उन्होंने सनातन परंपरा की धर्म ध्वज फहराते हुए भक्तों को कल्याण का मार्ग दिखाया इस अवसर पर बोलते हुए श्री दिनेश भट्ट ने कहा गुरु का दिया हुआ ज्ञान सदैव हमारे मन मस्तिष्क में सूर्य के प्रकाश के सामान उदय मान रहता है सतगुरु इस पृथ्वी लोक पर भक्तों के सच्चे मार्गदर्शक होते हैं श्रीमती उर्मिला ने कहा भगवान का भजन और सतगुरु की संगत मनुष्य के जीवन को सार्थक कर देती है सतगुरु द्वारा कहे गये कल्याणकारी वचन हमारे मनुष्य जीवन को सार्थक कर देते हैं गुरु से बड़ा कोई और मार्गदर्शक नहीं होता सतगुरु शिक्षा और संस्कार देकर हमारे सोये भाग्य को जगा देते हैं